हैं, वो अपनी आंखों की कोर में..... पढ़ लिया मैने उस अनकही बात को बढ़े आराम और प्यार से.......सोचते होंगे कैसे???????सवेरे-सवेरे आफिस जाते समय..... बस में बैठे लोगों के चेहरों को देखकर उनके मनोभावों को पढ़ा है कभी आपने??? मैनें पढ़ा है....... उस खुशी को, उस हंसी को....आंखों में तरती उस नमी को!!! जो कराती है अहसास.... कि आखिर क्या हुआ कुछ बीते पलों में..... जिंन्हे संजोये
जानते हैं क्यों??? क्योंकि गुजरती हूं इन्हीं हालातों से मैं भी........... शायद आप भी गुज़रे हों......... है ना................
बहुत सुन्दर लेखन !
ReplyDeleteअच्छा लगा आपकी पोस्ट पढ़कर !
आशा है आगे भी दिल को छूने वाली रचनाएं पढने को मिलेंगी !
हार्दिक शुभ कामनाएं
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
मेरा मन तो खिड़कियों के बच्चों ने मोह लिया।
ReplyDeleteधन्यवाद्
आगाज़ अच्छा है...
ReplyDeleteक्योंकि गुजरती हूं इन्हीं हालातों से मैं भी...........
ReplyDeleteचेहरे के हर भाव को पढ़कर किया बयान।
बहुवचन हालात है हो इस पर भी ध्यान।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
Blog jagat me aapka swagat hai.
ReplyDeletevery nice.
ReplyDeletewelcome to blog jagat & nice post
ReplyDeletenice.narayan narayan
ReplyDeleteआत्म विश्वास से भरपूर एक अच्छा आलेख।
ReplyDeleteBahut sundar rachana..really its awesome...
ReplyDeleteRegards..
DevSangeet
हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
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